GS Paper-2 International Relation (अंतर्राष्ट्रीय संबंध) Part- 1 (Q-14)

GS PAPER-2 (अंतर्राष्ट्रीय संबंध) Q-14
 
International Relation (अंतर्राष्ट्रीय संबंध)


Q.14 - हाल ही में भारत-उज़्बेकिस्तान के मध्य विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए है। भारत, उज़्बेकिस्तान के माध्यम से सेंट्रल एशिया में अपनी पहुँच बनाने में कितना सफल रहा है? भारत-उज़्बेकिस्तान संबंधों के परिप्रेक्ष्य में चर्चा करें।
उत्तर :
भूमिका में :-
      हाल ही में उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान किये गए समझौतों की चर्चा के साथ भारत- उज़्बेकिस्तान संबंधों को संक्षेप में लिखें।
विषय-वस्तु में :-
भारत-उज़्बेकिस्तान संबंधों का विश्लेषण -
  उज़्बेकिस्तान और भारत दोनों ही धर्मनिरपेक्ष तथा प्रजातांत्रिक गणराज्य हैं।
  भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच सांस्कृतिक संबंध से लेकर इसका अफगानिस्तान के विकास और भारत में परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिये यूरेनियम ईंधन आपूर्ति तक काफी सहयोगात्मक संबंध रहा है।
  उज़्बेकिस्तान ने 2011-2012 के लिये संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गैर-स्थायी सीट के लिये भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया था और सार्वजनिक रूप से UNSC के स्थायी सदस्य के रूप में भारत के शामिल होने का भी समर्थन किया है।
  भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच व्यापार संबंधों पर मई 1993 में हस्ताक्षर किये गए जो व्यापार तथा आर्थिक सहयोग पर हुए समझौते से शासित हैं।
  उज़्बेकिस्तान में भारत मुख्य रूप से ड्रग्स, अन्य फार्मास्यूटिकल उत्पाद, पेपर, लकड़ी के उत्पाद, मशीनरी, वस्त्र और कपड़े, चाय, प्लास्टिक का सामान, रसायन, शल्य चिकित्सा संबंधी वस्तुएँ और उपभोक्ता सामान निर्यात करता है।
  चीन की महत्त्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) परियोजना को देखते हुए और अधिकांश मध्य एशियाई देशों के प्रतिभागी होने के कारण भारत को अपना प्रभाव कायम रखने के लिये इस क्षेत्र में अपने आर्थिक और सामरिक प्रभाव को बढ़ाने की ज़रूरत है।
भारत की मध्य एशिया में पहुँच को बढ़ाने में उज़्बेकिस्तान की भूमिका पर चर्चा -
सेंट्रल एशिया में भारत ने जो बहुपक्षीय फोरम या बहुपक्षीय रणनीति अपनाई है उसमें उज़्बेकिस्तान की बड़ी भूमिका है।
उज़्बेकिस्तान ऊर्जा, कच्चा माल, मसाले तथा कॉटन के लिहाज से सेंट्रल एशिया का महत्त्वपूर्ण मार्ग है जिसका लाभ भारत द्वारा उठाया जा सकता है।
मध्य एशिया की कुल आबादी का आधा हिस्सा उज़्बेकिस्तान में है, ऐसे में उज़्बेकिस्तान का मध्य एशिया में महत्त्वपूर्ण स्थान है और ईरान में चाबहार परियोजना के पूर्ण हो जाने पर भारत की उज्बेकिस्तान तक पहुँच आसान हो जाएगी।
      अंत में प्रश्नानुसार संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष प्रस्तुत करें।

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