GS Paper-1 Geography (भूगोल) Part-1 (Q-12)

GS PAPER-1 (भूगोल) Q-12
 
GS Paper-1 Geography (भूगोल)

Q.12 - विभिन्न महासागरों में तापमान की स्थानिक एवं उर्ध्वाधर भिन्नता पाई जाती है। महासागरीय जल के तापमान वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना करें।

उत्तर :

भूमिका:

        महासागरीय जल भूमि की तरह सौर ऊर्जा के द्वारा गर्म होता है। स्थल की तुलना में जल के तापन शीतलन की प्रक्रिया धीमी होती है। 

विषय-वस्तु 

महासागरीय जल के तापमान वितरण को प्रभावित करने वाले कारक-

1. अक्षांश: महासागरों के सतही जल का तापमान विषुवत वृत्त से ध्रुवों की ओर घटता जाता है क्योंकि ध्रुवों की ओर सौर्य विकिरण की मात्रा घटती जाती है।

2. स्थल एवं जल का असमान वितरण: उत्तरी गोलार्द्ध के महासागर स्थल के बहुत बड़े भाग से जुड़े होते हैं, जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध के महासागर स्थल के कम भाग से ही जुड़े हुए हैं।

3. सनातन पवनें: स्थल से महासागरों की तरफ जो पवनें बहती हैं, वे महासागरों के सतही गर्म जल को तट से दूर धकेल देती हैं, परिणामस्वरूप नीचे का ठंडा जल ऊपर जाता है जिसके कारण तापमान में विभिन्न देशांतरों में अंतर जाता है। इसके विपरीत महासागरों से स्थल की ओर चलने वाली पवनें गर्म जल को तट पर जमा कर देती हैं जिससे तापमान में वृद्धि हो जाती है।

4. महासागरीय धाराएँ: गर्म महासागरीय धाराओं के कारण ठंडे क्षेत्रों का तापमान बढ़ जाता है और ठंडी धाराओं के कारण गर्म महासागरीय क्षेत्रों का तापमान घट जाता है।

निष्कर्ष

        उपर्युक्त सभी कारक महासागरीय धाराओं के तापमान को स्थानीय रूप से प्रभावित करते हैं। निम्न अक्षांशों में स्थित समुद्र जो कि घिरे हुए होते हैं उनका तापमान खुले समुद्रों की अपेक्षा अधिक होता है। दूसरी तरफ, हम पाते हैं कि उच्च अक्षांशों में स्थित घिरे हुए समुद्रों का तापमान खुले समुद्रों की अपेक्षा कम होता है।


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