GS Paper-1 Geography (भूगोल) Part-1 (Q-6)

GS PAPER-1 (भूगोल) Q-6
 
GS Paper-1 Geography (भूगोल)

Q.6 - भू-चुंबकत्वएवं पुरा-चुंबकत्वकी अवधारणा को स्पष्ट करें। अद्यतन उपग्रहीय डेटा के अनुसार पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में बदलाव होने के कारणों की विवेचना करें।
उत्तर :
  चुम्बकत्व वह प्रक्रिया है, जिसमें एक वस्तु दूसरी वस्तु पर आकर्षण या प्रतिकर्षण बल लगाती है। सभी वस्तुएँ न्यूनाधिक मात्रा में चुम्बकीय क्षेत्र की उपस्थिति से प्रभावित होती हैं। पृथ्वी भी चुम्बकीय क्षेत्र प्रदर्शित करती है। इसे भू-चुम्बकत्वकहते हैं। पृथ्वी एक विशाल चुम्बक है, जिसका अक्ष लगभग पृथ्वी के घूर्णन अक्ष पर पड़ता है। यह मुख्यत: द्वि-ध्रुवीयहै और पृथ्वी के आंतरिक क्रोड से उत्पन्न होता है। वहीं, शीतल ज्वालामुखी लावा, जमी हुई तलछट और प्राचीन ईंट प्रेरित चुंबकत्व का अध्ययन पुरा-चुंबकत्वकहलाता है। पुरा-चुंबकत्वशताब्दियों, सहस्त्राब्दियों और युगों पूर्व के भू-चुंबकीय परिवर्तनों की जानकारी प्रदान करता है।
  इस रूप में भू-चुम्बकत्व का संबंध पृथ्वी के वर्तमान चुंबकीय क्षेत्र के अध्ययन से है, जबकि पुरा-चुंबकत्व का संबंध पृथ्वी के प्राचीन चुम्बकीय क्रियाओं के अध्ययन से है। यह चट्टानों, ठण्डे ज्वालामुखी लावा आदि में निहित चुम्बकीय प्रेरण को इंगित करता है।
  हाल ही में अनेक सैटेलाइट डाटा और वैज्ञानिक अध्ययनों ने यह सिद्ध किया है कि पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र परिवर्तित हो रहा है। यह चुम्बकीय क्षेत्र पृथ्वी को खतरनाक सौर विकिरणों से बचाता है। हाल के भू-चुम्बकीय क्षेत्र में परिवर्तन के कारणों में मुख्य रूप से पृथ्वी के बाहरी क्रोड में लौह पदार्थों की अवस्थिति में परिवर्तन को माना जा रहा है। इसके अतिरिक्त, पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र समय-समय पर बदलता रहता है। यह परिवर्तन पृथ्वी के क्रोड में उपस्थित लौह धातुओं के परिसंचरण एवं गति से होता है। वर्तमान परिवर्तन इसी सामयिक चक्र का हिस्सा है।
  इस परिवर्तन से पृथ्वी की भौतिकी को समझने में मदद मिलेगी और साथ ही अब तक अनसुलझे चुंबकीय क्षेत्र की प्रक्रिया, कारण आदि को भी अच्छी तरह से समझा जा सकेगा।

निष्कर्ष: 
        यह कहा जा सकता है कि पृथ्वी का भू-चुम्बकत्व एक विशिष्ट भू-भौतिकी अभिक्रिया है, जिसका पृथ्वी पर जीवन की सफलता में महत्त्वपूर्ण योगदान है। इस प्रक्रिया में वर्तमान-कालिक परिवर्तन पृथ्वी तथा जीवन को प्रभावित करेंगे। यद्यपि ये परिवर्तन अभी आरंभिक चरण में ही हैं, तथापि इनसे भविष्य तथा भूतकाल के पार्थिव रहस्यों पर से पर्दा उठाया जा सकता है।


Tags