GS Paper-2 International Relation (अंतर्राष्ट्रीय संबंध) Part- 1 (Q-13)

GS PAPER-2 (अंतर्राष्ट्रीय संबंध) Q-13
 
International Relation (अंतर्राष्ट्रीय संबंध)


Q.13 - पश्चिम एशिया के देश अब भारत के लिये केवल तेल निर्यातक नहीं अपितु उससे बढ़कर कूटनीतिक रूप से अधिक महत्त्वपूर्ण हो गए हैं। हालिया परिवर्तनों के संदर्भ में उदाहरण सहित चर्चा करें।
उत्तर :
भूमिका में:-
      भारत और पश्चिम एशियाई राष्ट्रों के संबंधों पर चर्चा करते हुए उत्तर प्रारंभ करें।
विषय-वस्तु में:-
नवीन कूटनीतिक पहलों एवं परिवर्तनों की चर्चा -
1991 में वैश्वीकरण की प्रक्रिया के पश्चात् भारत-पश्चिम एशिया संबंध ऊर्जा आवश्यकताओं की सीमाओं को लाँघकर वैश्विक कूटनीति में वृहद् पटल की ओर उन्मुख हुए हैं।
पिछले एक दशक में यह उन्मुखता और अधिक दृढ़ तथा प्रगाढ़ हुई है एवं इसके विविध आयाम दोनों पक्षों के सामाजार्थिक विकास के लिये महत्त्वपूर्ण सिद्ध हो रहे हैं।
इन नवीन परिवर्तनों को निम्नलिखित रूप से समझा जा सकता हैः
भारत ईरान के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान कर रहा है। भारत द्वारा चाबहार बंदरगाह का विकास महत्त्वपूर्ण कूटनीतिक पहल है। इससे भारत की अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुँच सुनिश्चित होगी।
अरब प्रायद्वीप में कतर, यूएई, यमन आदि देशों में भारतीय श्रमिकों की सुरक्षा।
सऊदी अरब के साथ भारत ने मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद का वित्तपोषण तथा निवेश के संदर्भ में समझौते किये हैं।
भारत, इराक और सीरिया में शांति स्थापित करने हेतु प्रतिबद्ध है।
अरब राष्ट्रों का चिर विरोधी इज़राइल से भारत कूटनीतिक संबंध बढ़ा रहा है।
पूर्व में भारत ने इज़राइल से दूरी बनाए रखी थी क्योंकि पश्चिमी एशियाई तेल निर्यातक राष्ट्रों की नाराज़गी से भारत की तेल आपूर्ति बाधित हो सकती थी।
अब भारत तेल कूटनीति से ऊपर उठकर निर्णय लेने लगा है।
कतर में मस्जिद निर्माण के लिये भारत ने निधि उपलब्ध करवाई है।
      अंत में प्रश्नानुसार संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष प्रस्तुत करें।

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