GS Paper-2 Social Justice (सामाजिक न्याय) Part-1 (Q.9)

GS PAPER-2 (सामाजिक न्याय) Q-9
 
https://upscquiztest.blogspot.com/

Q.9 - भारत के सभी परिवारों को बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु एक ऐसे ऊर्जा ढाँचे की आवश्यकता है जो इक्विटी, दक्षता एवं स्थिरता के सिद्धांत पर आधारित हो। सरकार द्वारा शुरू की गई सौभाग्य योजनाके संदर्भ में उक्त कथन पर प्रकाश डालें। (250 शब्द)
 
उत्तर :
  आर्थिक विकास के लिये ऊर्जा एक बुनियादी आवश्यकता है। राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र- कृषि, उद्योग, परिवहन, वाणिज्यिक एवं घरेलू आदि को ऊर्जा के इनपुट की ज़रूरत होती है। स्वतंत्रता के बाद कार्यान्वित आर्थिक विकास योजनाओं के लिये बढ़ती मात्रा में ऊर्जा आवश्यक हो गई है। परिणामस्वरूप, देश भर में सभी रूपों में ऊर्जा के उपभोग में लगातार वृद्धि हो रही है।
  ऊर्जा के बढ़ते उपयोग के परिणामस्वरूप जीवाश्म ईंधनों, कोयला एवं तेल गैस पर देश की निर्भरता बढ़ गई है। तेल एवं गैस की बढ़ती कीमतों एवं भविष्य में इनकी संभावित कमी से ऊर्जा आपूर्ति की सुरक्षा के बारे में चिंता पैदा हो गई है, जबकि ऊर्जा आपूर्ति की सुरक्षा हमारी प्रगति को बनाए रखने के लिये आवश्यक है। जीवाश्म ईंधनों के बढ़ते प्रयोग से स्थानीय एवं वैश्विक स्तर पर पर्यावरण संबंधी समस्याएँ पैदा होती हैं। यह भी सच है कि अभी भी लाखों परिवारों तक बिजली की पहुँच सुनिश्चित नहीं की जा सकी है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सौभाग्य योजनाकी शुरुआत की है। इस पृष्ठभूमि में ऊर्जा का ऐसा ढाँचा विकसित करना होगा जो दक्ष, स्वच्छ एवं स्थायी हो।
  ऐसे ढाँचे के विकास के लिये ज़रूरी है कि नए एवं अक्षय स्रोतों के ज़रिये विद्युत का उत्पादन और ऊर्जा दक्षता के माध्यम से ऊर्जा का संरक्षण करने के लिये विशिष्ट परियोजनाओं एवं योजनाओं को सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जाए। साथ ही विद्युत क्षेत्र की प्रणालियों, प्रक्रियाओं एवं संस्थानों में निरंतर सुधार के ज़रिये ग्राहकों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं की दक्षता में सुधार करना चाहिये।

सौभाग्य योजना:
  दिसंबर, 2018 तक ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चार करोड़ से अधिक घरों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार ने सहज बिजली हर घर योजना सौभाग्यकी शुरुआत की
  इस योजना का उद्देश्य है कि भारत में सभी परिवारों तक विद्युत की पहुँच सुनिश्चित करना है।

योजना का विवरण:
  इस योजना के तहत नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन के लिये लाभार्थियों की पहचान सामाजिक, आर्थिक और जाति जनगणना-2011 के आँकड़ों के उपयोग के आधार पर की गई।
  अभी तक कवर किये गए गैर-विद्युतीकृत घरों को भी 500 रुपए के शुल्क पर योजना के अंतर्गत विद्युत कनेक्शन प्रदान किया गया जिसे डिस्काम द्वारा 10 किश्तों में विद्युत बिल के माध्यम से वसूल कर लिया जाएगा।
  ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड पूरे देश में इस योजना के संचालन के लिये नोडल एजेंसी है।
  इस योजना का अनुमानित व्यय लगभग 16000 करोड़ रुपए है, जिसमें केंद्रीय अनुदान द्वारा 60%, बैंक ऋण द्वारा 30% और राज्यों द्वारा 10% की सीमा तक वित्त पोषण किया जा रहा है।
  विकास की गतिविधियों को तीव्र एवं सतत् बनाए रखने के लिये ऊर्जा की प्रचुर मात्रा में आपूर्ति बहुत आवश्यक है। साथ ही यह भी सुनिश्चित होना चाहिये कि भारत के सभी परिवारों को विद्युत सुविधा आवश्यकतानुसार उपलब्ध हो। इस दृष्टि से यह बहुत ज़रूरी है कि भारत में ऊर्जा का ऐसा ढाँचा विकसित किया जाए, जो समता, दक्षता और संधारणीयता के सिद्धांत पर आधारित हो।

Tags