GS Paper-3 Disaster Management (आपदा प्रबंधन) Part-1 (Q-7)

GS PAPER-3 (आपदा प्रबंधन) Q-7
 
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Q.7 - आपदा जोखिम में कमी के लिये सेंदाई फ्रेमवर्क, 2015-30 एक सामान्य मानक स्थापित करता है और खतरों की सभेद्यता को रोकने के लिये समावेशी एवं एकीकृत संस्थागत उपायों को अपनाने पर जोर देता है।
 
उत्तर :
जापान के सेंदाई शहर में मार्च 2015 में आपदा जोखिम में कमी लाने के लिये तीसरा संयुक्त राष्ट्र विश्व शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में कार्रवाई के लिये ह्यूगो रूपरेखा के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई और आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये 2015 के पश्चात् सेंदाई रूपरेखा को अपनाया गया। इसका कार्यक्षेत्र एवं उद्देश्य आपदा की व्यापकता के संदर्भ में प्रबंधन रणनीति अपनाने से है। यह प्रबंधन लघु या वृहद् स्तर पर निरंतर या यदा-कदा होने वाली प्राकृतिक एवं मानव जनित आपदाओं के खतरों से निपटने के लिये है।
 
सेंदाई रूपरेखा के लक्ष्य निम्नलिखित हैं-
  वर्ष 2030 तक वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में प्रत्यक्ष आपदा आर्थिक क्षति को कम करना।
  वर्ष 2030 तक लोगों को विभिन्न प्रकार के खतरों की पूर्व चेतावनी प्रणाली की उपलब्धता और आपदा जोखिम के प्रति जानकारी प्रदान करने वाले उपायों में पर्याप्त वृद्धि करना।
  वर्ष 2020 तक राष्ट्रीय और स्थानीय आपदा जोखिम में कमी लाने हेतु रणनीतियाँ बनाने वाले देशों की संख्या में वृद्धि करना।
  वर्ष 2030 तक वैश्विक आपदा मृत्यु दर में पर्याप्त कमी लाना।
  2030 तक राष्ट्रीय कार्ययोजनाओं को विकासशील राष्ट्रों में पर्याप्त अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्राप्त करवाना।
  वैश्विक स्तर पर 2030 तक आपदा प्रभावित लोगों की संख्या कम करना।
  लचीले विकास के माध्यम से वर्ष 2030 तक महत्त्वपूर्ण आधारभूत ढाँचे तथा बुनियादी सेवाओं में उत्पन्न होने वाले व्यवधानों में प्रर्याप्त कमी लाना।
  सेंदाई रूपरेखा UNISDR (United Nations International Strategy for Disaster Reduction) के सहयोग की भी व्यवस्था करती है जिससे राष्ट्रीय प्रयासों को वैश्विक सहयोग प्राप्त हो सके।
 
निष्कर्ष:
यह कहा जा सकता है कि सेंदाई रूपरेखा समावेशी और एकीकृत लक्ष्यों के निर्धारण के द्वारा वैश्विक स्तर पर आपदाओं के निराकरण हेतु महत्त्वपूर्ण प्रयास करती है।
संबंधित स्रोत: इंटरनेट, हिन्दू योजना और कुरूक्षेत्र।

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