GS Paper-1 Geography (भूगोल) Part-1 (Q-8)

GS PAPER-1 (भूगोल) Q-8
 
GS Paper-1 Geography (भूगोल)

Q.8 - हिमानी के समरूप नदियों द्वारा अपरदन तथा निक्षेप प्रव्रियाओं द्वारा निर्मित झीलों की विवेचना कीजिये।
उत्तर :
भूमिका:
वितरण की दृष्टि से भूपटल पर हिमनिर्मित या हिमानीकृत झीलें सर्वाधिक संख्या में मिलती हैं। हिमानी के समान ही नदियाँ अपने अपरदन तथा निक्षेप के द्वारा कई प्रकार की झीलों का निर्माण करती हैं परंतु ज्यादातर ये झीलों का विनाश ही करती हैं।

विषय-वस्तु
नदी-अपरदन द्वारा निर्मित झीलों का विवरण -
1. अपरदन द्वारा निर्मित झीलें
  अवनमन कुण्ड झील: विशाल जलप्रपातों की तलहटी में नदियाँ जलगर्तिका का निर्माण करती हैं। जब जलप्रपात पीछे हट जाते हैं तो जलगर्तिका का विस्तार होता जाता है। इस प्रकार जब इनका विस्तार हो जाता है तो उन्हें अवनमन कुण्ड कहते हैं। इन कुण्डों में जल के भरने से छोटी-बड़ी झीलों का निर्माण होता है।
  संरचनात्मक झील: नदी के मार्ग में विभिन्न कठोरता वाली चट्टानों की परतें पायी जाती हैं। ऐसी स्थिति में कोमल चट्टानें तो आसानी से कट जाती है लेकिन कठोर चट्टानें यथावत् रह जाती हैं। इन चट्टानों के ऊपर ही छोटी-छोटी झीलों का निर्माण होता है।
  चापाकर या गोखुर झील: मैदानी भागों में प्रवेश करने के उपरांत नदी क्षैतिज अपरदन के कारण कई घुमावदार मोड़ों से होकर प्रवाहित होती हैं। ये मोड़ नदी विसर्पकहे जाते हैं। इन घुमावदार मोड़ों के विस्तृत होने के उपरांत नदी अपने विसर्प को छोड़कर सीधे मार्ग से प्रवाहित होती है। इन विसर्पों में जल भर जाने से निर्मित झील को गोखुर या चापाकार झील कहते हैं।

2. निक्षेप द्वारा निर्मित झील
  जलोढ़ झील: जब कोई नदी पहाड़ी भाग से उतरकर मैदानी भाग में प्रवेश करती है तो जलोढ़ पंख का निर्माण होता है। जलोढ़ पंख द्वारा नदी के अवरूद्ध हो जाने से अस्थायी झील का निर्माण होता है।
  डेल्टा झील: डेल्टाई भाग में नदियों का जल कई वितरिकाओं में विभक्त हो जाता है। दो शाखाओं के बीच वाले डेल्टा भाग के निम्न स्थान में जल के एकत्रित होने से झील का निर्माण होता है।
  बाढ़ के मौदान की झील: बाढ़ के मैदान में, बाढ़ के समय असमान रूप से कांप के निपेक्षण द्वारा छोटे-छोटे गड्डे बन जाते हैं, जिनमें पानी भर जाने से अस्थायी झीलों का निर्माण होता है।
  रैफ्ट द्वारा निर्मित झील: नदियों के जंगली भागों से होकर प्रवाहित होने के दौरान लकड़ी के टुकड़े भी साथ में बहने लगते हैं। नदी की धारा की दिशा में आड़े रूप से जाने के कारण यहाँ तलछट का जमाव होने लगता है और एक स्थायी बांध का निर्माण हो जाता है।

निष्कर्ष:
        अंत में संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखे-


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