GS Paper-1 Indian Culture (संस्कृति) Part-1 (Q.16)

GS PAPER-1 (संस्कृतिQ-16
 
https://upscquiztest.blogspot.com/

Q.16 - नृत्य की लास्यशैली अपनी प्रकृति में ताण्डवसे भिन्न है। इसकी विशेषताओं तथा शास्त्रीय नृत्य के विभिन्न प्रकारों पर इसके प्रभाव की चर्चा करें।

उत्तर :

भूमिका में :-

            भारतीय नाट्यशास्त्र के आधार पर लास्य ताण्डव नृत्य के सामान्य परिचय के साथ उत्तर प्रारंभ करें।

विषय-वस्तु में :- 

लास्य और ताण्डव में अंतर को स्पष्ट करते हुए लास्य की विशेषताओं पर चर्चा -

  लास्य दो प्रकार का होता है- जरिता और यौवक लास्य।

  लास्य, ताण्डव के विपरीत कोमलता से अनुप्राणित होता है।

  लास्य अधिक सुंदर और कभी-कभी कामुक भी होता है।

  लास्यनृत्य का विभिन्न नृत्यों भरतनाट्यम, मोहिनीअट्टम, मणिपुरी पर प्रभाव का वर्णन करें, जैसे :

  लास्य का सर्वाधिक प्रभाव भरतनाट्यम पर पड़ा है। भरतनाट्यम में उपस्थित लालित्यपूर्ण भाव-भंगिमाओं की अभिप्रेरणा लास्यहै।

  केरल के मोहिनीअट्टम में भरतनाट्यम कथकली, दोनों के अंश पाए जाते हैं। भरतनाट्यम का लास्य से प्रभावित लालित्य मोहिनीअट्टम का प्रमुख अंश है।

  मणिपुरी के लावण्यमय भाव पर लास्यका स्पष्ट प्रभाव है। हालाँकि इसमें ताण्डव के भाव भी विद्यमान रहते हैं।

अंत में प्रश्नानुसार संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष प्रस्तुत करें।



Tags