GS Paper-2 International Relation (अंतर्राष्ट्रीय संबंध) Part- 1 (Q-6)

GS PAPER-2 (अंतर्राष्ट्रीय संबंध) Q-6
 
International Relation (अंतर्राष्ट्रीय संबंध)

Q.6 - वैश्विक जगत में अपनी मज़बूत उपस्थिति दर्ज कराने और द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत बनाने के लिये भारत द्वारा कई देशों के साथ मंज़ूरी दिये गए सहयोग समझौतों को विस्तारपूर्वक समझाएँ।
 
उत्तर :
भूमिका:
केंद्र सरकार ने वैश्विक जगत में अपनी मज़बूत उपस्थिति दर्ज कराने और द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत बनाने के लिये कई देशों के साथ सहयोग समझौतों को मंज़ूरी दी है।

विषय-वस्तु
विभिन्न देशों के साथ किये गए समझौतों पर चर्चा -
बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के लिये भारत-ताजिकिस्तान समझौता: यह समझौता पृथ्वी के दूर-संवेदी, सैटेलाइट संचार, सैटेलाइट आधारित नेविगेशन, अंतरिक्ष विज्ञान तथा ग्रहों की खोज, अंतरिक्ष प्रणालियों तथा अंतरिक्ष एप्लीकेशन्स में सहयोग के संदर्भ में सहायक होगा।
भूगर्भ, खनन एवं खनिज संसाधनों के क्षेत्र में भारत-जिम्बाब्वे समझौता: यह समझौता इन दोनों देशों के मध्य चयनित क्षेत्रों में सहयोग के लिये संस्थागत प्रणाली उपलब्ध कराएगा। इस समझौते का उद्देश्य है- कानूनों और नीतियों पर आधारित जानकारी का आदान-प्रदान करना, प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण को बढ़ावा देना, खनन क्षेत्र में मूल्य संवर्द्धन को बढ़ावा देना और निवेश के अवसर पैदा करना।
स्वास्थ्य देखभाल और आरोग्य के लिये भारत-जापान समझौता: इससे पारंपरिक औषधि प्रणाली के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा।
डाक क्षेत्र में सहयोग के लिये भारत-जापान सहयोग समझौता: इस समझौते से भारत और जापान के बीच डाक सेवाओं में सुधार एवं सहयोग की संभावना व्यक्त की जा रही है।
पर्यावरण सहयोग के क्षेत्र में भारत-जापान के बीच सहयोग: इसके द्वारा समानता, पारस्परिकता और आपसी लाभ के आधार पर प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया जाएगा।
ऊर्जा सक्षमता और ऊर्जा संरक्षण के लिये भारत-प्राँस समझौता: यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित समझौता है, जिसमें केवल तकनीकी सहायता हेतु ज्ञान का आदान-प्रदान और सहयोग शामिल है। इससे ऊर्जा सक्षमता के बारे में जागरूकता पैदा होगी। इससे कार्बन उत्सर्जनों तथा वैश्विक उत्सर्जन की निगरानी के लिये डेटा के संग्रहण, उपयोग तथा विश्लेषण के लिये तंत्र विकसित किये जाएंगे।
मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के तहत संयुक्त गतिविधियों पर भारत-रूस समझौता: यह समझौता भारत और रूस के मध्य संबंधों को मज़बूत करेगा। साथ ही इससे रेडिएशन शील्डिंग, लाइफ सपोर्ट सिस्टम, क्रू मॉड्यूल एवं अंतरिक्ष यात्रियों के लिये प्रशिक्षण, जैसे- मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के लिये तकनीक तथा अग्रिम प्रणालियाँ विकसित करने में मदद मिलेगी।
पृथ्वी विज्ञान में वैज्ञानिक तथा तकनीकी सहयोग पर भारत-अमेरिका समझौता: इसके तहत दोनों देशों के संगठनों के पास उपलब्ध विशेषज्ञता को साझा करने में मदद मिलेगी और पृथ्वी विज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीकी अपनाई जा सकेगी। सहयोग के क्षेत्रों में ईको प्रणालियाँ, जलवायु अस्थिरता तथा भूमि उपयोग परिवर्तन, प्राकृतिक संकट, जल संसाधन, इन्फोर्मेटिक्स तथा डेटा एकीकरण के क्षेत्र शामिल हैं।
संयुक्त डाक टिकट जारी करने पर भारत-आर्मेनिया समझौता: इस समझौते के तहत संचार मंत्रालय का डाक विभाग और आर्मेनिया का राष्ट्रीय डाक संचालक विभाग पारस्परिक रूप से नृत्य विषय पर संयुक्त डाक टिकट जारी करने के लिये राज़ी हुए। स्मृति डाक टिकटों में भारत के मणिपुरी नृत्य तथा आर्मेनिया के हौब एरेक नृत्य दिखाए गए हैं।
 
निष्कर्ष:
        अंत में संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें-

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