GS Paper-2 International Relation (अंतर्राष्ट्रीय संबंध) Part- 1 (Q-23)

GS PAPER-2 (अंतर्राष्ट्रीय संबंध) Q-23
 
International Relation (अंतर्राष्ट्रीय संबंध)


Q.23 - भारत-नेपाल के मध्य आयोजित थिंक टैंक शिखर सम्मेलन के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए इसके लक्ष्यों की चर्चा करें।
उत्तर :
      नेपाल-इंडिया थिंक टैंक शिखर सम्मेलन 2018 का आयोजन संयुक्त रूप से एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ डिप्लोमेसी एंड इंटरनेशनल अफेयर्स (AIDIA) तथा नेहरू मेमोरियल म्यूजियम लाइब्रेरी (NMML) द्वारा 31 जुलाई, 2018 को पहली बार काठमांडू, नेपाल में किया गया। इस सम्मेलन का आयोजन दोनों देशों के बीच अधिकाधिक सहयोग तथा ज्ञान साझा करने के साथ-साथ नीति निर्माताओं के बीच अंतराल को कम करने के लिये किया गया है।
      शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले संगठनों को वार्षिक भागीदार बनाए जाने का प्रस्ताव है और यह शिखर सम्मेलन क्रमशः नेपाल तथा भारत में प्रत्येक वर्ष वैकल्पिक रूप से आयोजित किया जाएगा। नेपाल-भारत संबंध और क्षेत्रीय/अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उभरते महत्त्वपूर्ण मुद्दे प्रत्येक वर्ष शिखर सम्मेलन के विशिष्ट विषय होंगे।
नेपाल-इंडिया थिंक टैंक शिखर सम्मेलन 2018 का उद्देश्य :
दोनों देशों के थिंक टैंक के बीच संयुक्त घटनाओं/प्रकाशनों के लिये संसाधनों के साझाकरण पर संस्थागत सहयोग के माध्यम से नेटवर्क और आपसी समझ को मज़बूत करना।
थिंक टैंक के बीच सहयोग और ज्ञान साझाकरण को सुविधाजनक बनाना|
थिंक टैंक के कार्यों को प्रतिबिंबित करना तथा उनके सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना
चूँकि नीति निर्माताओं को लगातार बढ़ती चुनौतियों का सामना करना पड़ता है तथा उन्हें आमतौर पर वर्तमान समय की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों से मुकाबला करने के लिये मजबूर किया जाता है, इसलिये इस पर विचार करने और आगे की योजना बनाने के लिये आमतौर पर कम समय होता है।
शिखर सम्मेलन का उद्देश्य नेपाल तथा भारत के संबंधों में बेहतर बदलाव लाने में थिंक टैंक के महत्त्व को प्रदर्शित करना है।
इस वर्ष के शिखर सम्मेलन का मुख्य लक्ष्य दोनों देशों के थिंक-टैंक के बीच बहुआयामी सहयोग के माध्यम से भारत और नेपाल द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाना है। शिखर सम्मेलन के अन्य प्राथमिक लक्ष्य हैं:
भारत-नेपाल संबंधों को आकार देने में थिंक-टैंक की भूमिका का पता लगाना।
भाग लेने वाले थिंक-टैंक के बीच संयुक्त आयोजनों को बढ़ावा देने और साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण का समर्थन करने के लिये अनुसंधान, प्रकाशन, सूचना साझा करना, मानव संसाधन और वित्त संबंधी सक्रिय सहयोग को प्रोत्साहित करना।
नेपाल और भारत के थिंक टैंक तथा नीति निर्माताओं के सामने आने वाली संगठनात्मक और नीतिगत चुनौतियों के समाधान के लिये बेहतर समझ हासिल करना।
वर्तमान परिदृश्य में नेपाल और भारत के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा से संबंधित दबाव वाली नीतिगत चुनौतियों तथा द्विपक्षीय मुद्दों के कारण पारस्परिक समावेशी द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिये इन चुनौतियों से निपटने के तरीके की खोज करना आवश्यक है।

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