उत्तर
:
‘सॉफ्ट पॉवर’
शब्द का प्रयोग अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में किया जाता है
जिसके तहत कोई राज्य परोक्ष रूप से सांस्कृतिक अथवा वैचारिक साधनों के
माध्यम से किसी अन्य देश के व्यवहार अथवा हितों को प्रभावित करता है। इसमें
आक्रामक नीतियों या मौद्रिक प्रभाव का उपयोग किये बिना अन्य राज्यों को
प्रभावित करने का प्रयास किया जाता है। सॉफ्ट पॉवर की अवधारणा को हार्वर्ड
विश्वविद्यालय के जोसेफ न्ये (Juseph Nye) द्वारा विकसित किया गया था।
सॉफ्ट पॉवर कूटनीति के लोकप्रिय होने के कारण
→ सॉफ्ट पॉवर की नीति के अंतर्गत विभिन्न देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा
दिया जाता है,
जिससे यह संबंधों को मज़बूत कर विकास में योगदान करती है,
जबकि हार्ड पॉवर नीति में एक तरफा कार्रवाई,
सैन्य क्षमता को बढ़ाना जैसे
कदमों के कारण यह अत्यधिक महँगी,
कठिन एवं चुनौतीपूर्ण हो गई है।
→ हार्ड पॉवर की तुलना में सॉफ्ट पॉवर नीति में संसाधनों का प्रयोग लागत प्रभावी तरीके से हो सकता है।
→ डिजिटल क्रांति के वर्तमान युग में राज्यों के बीच संपर्क एवं सद्भाव
का महत्त्व बढ़ता जा रहा है,
इस परिप्रेक्ष्य में सॉफ्ट पॉवर रणनीतियाँ उचित
है।
→ सॉफ्ट पॉवर के रूप में भारत- भारत सदैव सॉफ्ट पॉवर नीति का समर्थक रहा
है एवं अपनी सॉफ्ट पॉवर नीति के माध्यम से ही उसने विश्व समुदाय में
सम्मानजनक स्थान प्राप्त किया है।
भारत की सॉफ्ट पॉवर नीति के उदाहरण
निम्नलिखित हैं-
→ भारत की आध्यात्मिकता,
योग,
दर्शन,
धर्म आदि के साथ-साथ अहिंसा,
लोकतांत्रिक विचारों आदि ने वैश्विक समुदाय को आकर्षित किया है।
→ भारत के पास संगीत,
नृत्य,
चित्रकला,
मूर्तिकला,
वास्तुकला,
साहित्य,
चिकित्सा आदि की व्यापक सांस्कृतिक विरासत है जिसने अनेक देशों को प्रभावित
किया है।
→ भारतीय सिनेमा ने लंबे समय तक एशिया,
अफ्रीका और अन्य क्षेत्रों में भारी संख्या में दर्शकों को आकर्षित किया है।
→ भारत द्वारा प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर वैश्विक भागीदारी ने भारत की सॉफ्ट पॉवर छवि को मज़बूत किया।
→ भारत द्वारा हाल ही में प्रक्षेपित सार्क सेटेलाइट भी भारत की सॉफ्ट पॉवर कूटनीति का हिस्सा है।
→ भारत संयुक्त राष्ट्र के ‘शांति अभियानों’
में अपने सैनिकों को भेजने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है।
→ भारत अपने सांस्कृतिक संस्थानों में निवेश बढ़ाकर और पर्यटन,
सिनेमा,
खेल,
कला-संस्कृति आदि को बढ़ावा देकर सॉफ्ट पॉवर की छवि को और मज़बूत कर
सकता है। फिर भी,
यह ध्यान रखना आवश्यक है कि सॉफ्ट पॉवर एवं हार्ड पॉवर का
उचित समन्वय ही किसी देश को कूटनीतिक बढ़त दिला सकता है।