भूमिका में :-
भूटान-चीन के बीच राजनयिक संबंधों के अभाव के बावजूद भी वर्तमान में चीन के प्रति भूटान के बढ़ते झुकाव की चर्चा करते हुए भारत-भूटान संबंधों की ऐतिहासिकता के संक्षिप्त परिचय से उत्तर प्रारंभ करें।
विषय-वस्तु में :-
चीन के प्रति भूटान के बढ़ते झुकाव के कारणों पर चर्चा -
→ भारतीय कंपनियों द्वारा जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण और परिचालन को आरंभ करने में देरी हुई है जिससे भूटान का राष्ट्रीय ऋण बढ़ता ही जा रहा है।
→ भारत की ऊर्जा-अधिशेष स्थिति और पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा जैसे अन्य अक्षय ऊर्जा उत्पादनों की वृद्धि से यह स्थिति बन रही है कि भूटान के लिये भारत से जलविद्युत का सौदा अधिक लाभदायक नहीं रहेगा।
→ वस्तु एवं सेवा कर अभी भी भूटानी निर्यातकों को नुकसान पहुँचा रहा है और विमुद्रीकरण ने बैंकिंग प्रणाली पर कुछ स्थायी निशान छोड़ दिये हैं।
→ प्रश्न में चूँकि समीक्षात्मक विश्लेषण करने को कहा गया है, अतः द्वितीय पैराग्राफ में एक बार फिर भूमिका से जोड़ते हुए भारत-भूटान के बीच 1949 की फ्रेंडशिप ट्रीटी को विश्लेषित करते हुए भूटान में होने वाले चुनावों में भारत संबंधी मुद्दों की चर्चा करें।
अंत में प्रश्नानुसार संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें।