भूमिका में :-
प्रश्नगत कथन के संदर्भ में चर्चा करते हुए उत्तर प्रारंभ करें।
विषय-वस्तु में:-
राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद के कार्यों पर चर्चा -
→ राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद दीर्घकालीन और अल्पकालीन दोनों तरह के व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण के काम में लगे निकायों के कामकाज को नियमित करेगी तथा इन निकायों के कामकाज के लिये न्यूनतम मानक तैयार करेगी।
→ निर्णायक निकायों, मूल्यांकन निकायों और कौशल संबंधी सूचना प्रदाताओं की मान्यता तथा उनका नियमन।
→ निर्णायक निकायों और क्षेत्रीय कौशल परिषदों द्वारा निर्धारित पात्रताओं को मंज़ूरी।
→ निर्णायक निकायों और मूल्यांकन एजेंसियों के ज़रिये व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों का अप्रत्यक्ष नियमन।
→ अनुसंधान एवं सूचना प्रसार से संबंधित शिकायत का निवारण।
राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद के लाभों पर चर्चा -
→ इस संस्थागत सुधार से गुणवत्ता में वृद्धि होगी, बाज़ार में कौशल विकास कार्यक्रमों की प्रासंगिकता बढ़ेगी जिसके फलस्वरूप व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण की साख में इज़ाफा होगा।
→ कौशल विकास कार्यक्रम के क्षेत्र में निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और कर्मचारियों की भागीदारी बढ़ेगी।
→ यह संभव हो जाने से व्यावसायिक शिक्षा के मूल्यों और कुशल श्रमशक्ति को बढ़ाने संबंधी दोहरे उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। इसके कारण भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाने के विषय में प्रधानमंत्री के एजेंडा को बल मिलेगा।
→ राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद भारत की कौशल ईको-प्रणाली की एक नियामक संस्था है, जिसका देश में व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण में संलग्न सभी व्यक्तियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
→ कौशल आधारित शिक्षा के विचार को आकांक्षी आचरण के रूप में देखा जाएगा, जिससे छात्रों को कौशल आधारित शैक्षिक पाठ्यक्रमों में हिस्सा लेने हेतु प्रोत्साहन मिलेगा।
→ इन उपायों से उद्योग और सेवा क्षेत्र में कुशल श्रमशक्ति की स्थिर आपूर्ति के ज़रिये व्यापार में सुगमता होगी।
अंत में प्रश्नानुसार संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें।