भूमिका:
ग्रामीण स्थानीय निकायों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी ने इनकी कार्यशैली, मुद्दों, निष्पादन के तरीकों तथा उनके प्रभावों को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।
विषय-वस्तु
→ पहले सड़क एवं कृषि जैसे मुद्दों पर जोर दिया जाता था एवं महिलाओं से सीधे जुड़ने वाले मुद्दे गौण होते थे। अब मुद्दों में मार्गों की सुरक्षा, सड़कों पर प्रकाश की व्यवस्था, स्वच्छ पानी की उपलब्धता आदि मुख्य मुद्दे शामिल हो गए हैं। जाहिर हैं कि प्राथमिकता के प्रति बदलते दृष्टिकोण का कारण ग्रामीण स्थानीय निकायों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी है। आशा बहुओं के कार्यक्षेत्र में वृद्धि के साथ ही सक्रियता भी देखी जा सकती है। इसके अतिरिक्त आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के भी कार्यों का विस्तार देखा जा सकता है। महिलाएँ अब घर से बाहर निकलकर अपनी स्वतंत्र पहचान बना पा रहा है जिसके कारण उनका आत्मविश्वास बढ़ा है।
→ समाज का महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण बदल रहा है किंतु अभी भी स्थानीय निकायों की कार्याविधि पूर्णत: लोकतांत्रिक तथा लिंग निरपेक्ष नहीं हो सकी है। अधिकांशतया देखने में आता है कि महिला सदस्यों के नाम पर घर के पुरुष ही निर्णय लेते थे और वो एक रबर स्टांप की भाँति कार्य करती थी। अधिकारियों का व्यवहार भी पुरुषवादी मानसिकता के अनुरूप ही रहता था जिससे महिलाएँ असहज महसूस करती थी। महिलाओं की बढ़ती भागीदारी से उपरोक्त स्थितियों में आज सकारात्मक परिवर्तन देखे जा सकते हैं।
निष्कर्ष:
अंत में संक्षिप्त, संतुलित और सारगर्भित निष्कर्ष लिखे