GS Paper-1 Indian Society (भारतीय समाज) Part-1 (Q-35)

GS PAPER-1 (भारतीय समाज) Q-35
 
GS Paper-1 Indian Society (भारतीय समाज)


Q.35 - श्रम क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी के मामले में भारत की स्थिति एशिया के देशों में सबसे निचले पायदान पर है। श्रम क्षेत्र में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने के लिये क्या-क्या प्रयास किये जाने चाहिये। बिंदुवार उल्लेख करें।
उत्तर :
      हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (International labour Organization-ILO) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार श्रम क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी के मामले में संपूर्ण एशिया में भारत और पाकिस्तान का स्तर सबसे निम्न है। नेपाल, वियतनाम, लाओस, कंबोडिया जैसे देशों में भारत की तुलना में महिलाओं की श्रम में भागीदारी काफी उच्च है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय सैंपल सर्वे (National Sample Survey-NSS) के आँकड़ों के अनुसार वर्ष 1999-2000 में जहाँ कुल महिलाओं के 25.9% रोजगार से संबद्ध था वहीं वर्ष 2011-12 में यह आँकड़ा गिरकर 21.9% हो गया।
      श्रम क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिये निम्नलिखित प्रयास किये जाने चाहिये-
  कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं को कृषि क्षेत्र के साथ-साथ रोजगार के अन्य विकल्प भी उपलब्ध कराने चाहिये। इनमें बागवानी, पशुपालन, मत्स्यपालन आदि प्रमुख हैं।
  महिलाओं के लिये कार्यस्थल पर एक उपयुक्त एवं सुरक्षित वातावरण एवं उचित कार्य संस्कृति उपलब्ध कराई जानी चाहिये ताकि उनका काम के प्रति रूझान बढ़े।
  पुरुषों को पारंपरिक पितृसत्तात्मक मानसिकता से बाहर निकलकर महिलाओं के घरेलू कार्यों में हाथ बंटाना चाहिये ताकि कार्यालयों में काम करने वाली महिलाओं के लिये कार्य एवं घर की जिम्मेदारियों के साथ संतुलन बनाया जा सके।
  महिलाओं के द्वारा समान कार्य करने पर पुरुषों के समान वेतन प्रदान करना चाहिये तथा उन्हें मातृत्व अवकाश, क्रेच जैसी सुविधाएँ भी प्रदान की जानी चाहिये।
निष्कर्षः
      पिछले कुछ समय में समाज के प्रत्येक स्तर पर काफी तेजी से परिवर्तन हुए हैं। जहाँ एक ओर सामाजिक मूल्यों में परिवर्तन हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर विश्व अर्थव्यवस्थाओं के मध्य प्रतिस्पर्द्धा की भावना तीव्र होती जा रही है। इस प्रतिस्पर्द्धा के दौर में महिलाओं की श्रमबल में भागीदार को बढ़ाकर ही कोई देश विकास की राह पर तीव्र गति से आगे बढ़ सकता है।

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