GS Paper-2 Social Justice (सामाजिक न्याय) Part-1 (Q.24)

GS PAPER-2 (सामाजिक न्याय) Q-24
 
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Q.24 - पुरुष किसानों की तुलना में महिला किसानों की स्थिति अधिक खराब है, कम वेतन के साथ बढ़े हुए काम का बोझ उन्हें हाशिये पर ले जाता है। कथन के संदर्भ में महिला किसानों की समस्याएँ तथा उनके समाधान पर चर्चा कीजिये।
उत्तर :
भूमिका में :- 
        प्रश्नगत कथन के संदर्भ में चर्चा करते हुए उत्तर प्रारंभ करें।
विषय-वस्तु में :-
महिला किसानों की समस्याओं तथा उनके समाधान पर चर्चा -
समस्याओं में :
  महिला किसानों की अधिकारहीनता,
  भू-स्वामित्त्व ,
  भूमि अधिग्रहण ,
  अनुकूल मशीनरी,
  संसाधनों तक पहुँच आदि को विश्लेषित करते हुए चर्चा करें।
समाधान :
  कृषि और ग्रामीण विकास के लिये नेशनल बैंक के माइक्रो-फाइनेंस पहल के तहत किसी आनुषंगिक के बिना ही दिये जाने वाले ऋण प्रावधान को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। क्रेडिट, प्रौद्योगिकी और उद्यमशीलता जैसी क्षमताओं के प्रावधान तक बेहतर पहुँच महिलाओं के आत्मविश्वास को और बढ़ावा देगी और उन्हें किसान के रूप में मान्यता प्राप्त करने में मदद करेगी।
  महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये सामूहिक खेती के प्रयासों  को प्रोत्साहित किया जा सकता है। कुछ स्वयं-सहायता समूहों और सहकारी- डेयरी गतिविधियों (राजस्थान में सरस और गुजरात में अमूल) द्वारा महिलाओं को प्रशिक्षण तथा कौशल प्रदान किया गया है।
  इन्हें किसान संगठनों के माध्यम से और अधिक विकसित किया जा सकता है। इसके अलावा, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, बीज और रोपण सामग्री पर उप-मिशन तथा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना जैसी प्रमुख सरकारी योजनाओं में महिला केंद्रित रणनीतियों और समर्पित व्यय को शामिल किया जाना चाहिये।
  महिला किसानों को सब्सिडी वाली सेवाएँ प्रदान करने के लिये राज्य सरकारों द्वारा प्रचारित कृषि मशीनरी बैंक और कस्टम भर्ती केंद्रों को तैयार किया जा सकता है।
  प्रत्येक ज़िले में कृषि विज्ञान केंद्रों को सेवाओं के विस्तार के साथ-साथ अभिनव प्रौद्योगिकी के बारे में महिला किसानों को शिक्षित और प्रशिक्षित करने का एक अतिरिक्त कार्य सौंपा जा सकता है।
  अंत में प्रश्नानुसार संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें।
नोट : निर्धारित शब्द-सीमा में उत्तर को विश्लेषित करके लिखें।

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