उत्तर
:
भूमिका -
भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ती आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2019
तक देश भर में सातों दिन चौबीस घंटे विद्युत आपूर्ति के महत्त्वाकांक्षी
लक्ष्य पर कार्य किया जा रहा है। विद्युत आपूर्ति के माध्यम से एक नई दिशा,
जीवन में उजाला व तकनीक से देश के अखिरी नागरिक को जोड़ने की दिशा में
भारत सरकार द्वारा नवंबर 2014
में दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
(DDUGJY) की घोषणा की गई।
योजना का उद्देश्य एवं क्रियान्वयन -
→ योजना का मुख्य उद्देश्य पूरे ग्रामीण भारत को निरंतर विद्युत आपूर्ति
प्रदान करना है। योजना का लक्ष्य 1000
दिनों के भीतर यानी,
1 मई, 2018 तक
18 हज़ार से अधिक गैर विद्युतीकृत गाँवों को विद्युतीकृत करना रखा गया था।
→ DDUGJY
को विद्युत मंत्रालय द्वारा एक मुख्य
कार्यक्रम के रूप में क्रियान्वित किया जा रहा है। इसके तहत प्रमुख पहल के
तौर पर फीडर लाइन को अलग किया गया है। विद्युत की कुल आपूर्ति कृषि व
गैर-कृषि क्षेत्रों में सम्मिलित रूप में होने के कारण दोनों क्षेत्रों में
पर्याप्त विद्युत आपूर्ति न हो पाना व एक अतिव्यापन की स्थिति का बन जाना,
एक वृहद् समस्या थी। इसके कारण न तो कृषि कार्यों के लिये पूर्ण बिजली मिल
पाती थी और न ही गैर-कृषि क्षेत्रों में पर्याप्त विद्युत आपूर्ति हो पाती
थी।
→ DDUGJY
के माध्यम से फीडर लाईन को अलग किया गया है तथा दोनों ही क्षेत्रों में विवेकपूर्ण तरीके से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।
योजना के प्रमुख घटक -
→ ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि एवं गैर-कृषि उपभोक्ताओं हेतु विद्युत
आपूर्ति को विवेकपूर्ण तरीके से बहाल करने की सुविधा हेतु कृषि और गैर-कृषि
फीडरों का पृथक्करण किया गया है।
→ ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर/फीडर/उपभोक्ताओं की नपाई सहित
उप-पारेषण और वितरण की आधारभूत संरचना का सृदुढ़ीकरण एवं आवर्द्धन किया गया
है।
→ राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत पहले से ही मंजूर
माइक्रोग्रिड और ऑफ ग्रिड वितरण नेटवर्क एवं ग्रामीण विद्युतीकरण परियोजना
को पूरा किया जाना भी इसमें शामिल है।
मुख्य विशेषताएँ
→ राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण आयोजना को DDUGJY
में सम्मिलित किया गया है।
→ सभी डिस्कॉम इस योजना के तहत वित्तीय सहायता के पात्र हैं।
→ ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड (REC)
योजना के क्रियान्वयन की नोडल एजेंसी है।
→ प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिये ग्राम विद्युत अभियंता (GVA)
के ज़रिये नज़र रखा जाना निश्चित किया गया है।
निष्कर्ष –
वर्तमान में
जीवन के गुणवत्ता का प्रमुख आधार तकनीक आधारित दैनिक जीवन के संसाधन हैं।
इन सभी संसाधनों को विद्युत आपूर्ति सुनिश्चितता से उपयोगी बनाया जा सकता
है। इस दिशा में DDUGJY
एक अत्यंत सराहनीय सहयोग देने वाला कार्यक्रम
प्रतीत होता है।
नोट- गर्व पोर्टल (जीएआरवी पोर्टल)
DDUGJY
योजना के अंतर्गत
गर्व पार्टल की शुरुआत की गई है। इस पोर्टल के माध्यम से होने वाली प्रगति
पर वास्तविक वास्तविक वास्तविक और अद्यतन सूचना प्रदान करके नीति निर्माण,
वास्तविक और अद्यतन सूचना प्रदान करके नीति निर्माण,
सार्वजनिक जवाबदेहिता
और पारदर्शिता का एक महत्त्वपूर्ण आयाम सुनिश्चित किया गया है। इस पोर्टल
के माध्यम से स्मार्ट फोन या इंटरनेट के ज़रिये कोई भी नागरिक ग्रामीण
विद्युतीकरण की प्रगति पर नज़र रख सकता है। इस पोर्टल पर प्रत्येक
विद्युतीकृत गाँव की विस्तृत जानकारी दी गई है जिसमें विद्युतीकरण की
तारीख,
स्थानीय लाइनमैन का विवरण,
लगाए गए खंभों की तस्वीरें आदि को शामिल
किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से ज़मीनी हकीकत की जानकारी हो पाना सरल
हुआ है।