भूमिका:
6 सितंबर, 2018 को नई दिल्ली में भारत एवं अमेरिका के बीच राजनीतिक और सुरक्षा संबंधों को मज़बूत बनाने के उद्देश्य से कई महत्त्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए जिसे 2 + 2 वार्ता के नाम से जाना गया।
विषय-वस्तु
→ इस पहली 2 + 2 वार्ता के दौरान सैन्य संचार से संबंधित बहुप्रतीक्षित समझौते कॉमकासा (COMCASA) पर हस्ताक्षर किये गए।
→ दोनों देश संयुक्त राष्ट्र और फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों के माध्यम से मज़बूत संबंध स्थापित करने पर सहमत हुए।
→ इस वार्ता के दौरान दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों के बीच हॉटलाइन शुरू करने का भी निर्णय लिया गया, जिससे दोनों समकक्षों के बीच सीधा संपर्क स्थापित हो जाएगा।
→ इस वार्ता में दोनों देशों ने 2019 में भारत के पूर्वी तट पर तीनों सेनाओं द्वारा संयुक्त युद्धाभ्यास करने पर सहमति व्यक्त की।
→ ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत भारत में रक्षा उत्पादन को प्रोत्साहन देने के संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जायजा लिया गया।
→ दोनों देशों ने द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय क्षेत्रीय और वैश्विक समूहों के साथ मिलकर दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने की भी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
कॉमकासा
→ संचार संगतता और सुरक्षा समझौता (कॉमकासा) एंक्रिप्टेड संचार प्रणाली के हस्तांतरण को सरल बनाता है तथा उच्च तकनीक वाले सैन्य उपकरणों को साझा करने हेतु यह समझौता, अमेरिका की प्रमुख आवश्यकता है।
→ यह समझौता संयुक्त राज्य अमेरिका का अपने एंक्रिप्टेड संचार उपकरणों और गुप्त प्रौद्योगिकियों को भारत के साथ साझा करने की अनुमति देगा। इससे दोनों पक्षों के उच्च स्तर के सैन्य-नेतृत्व के बीच युद्धकाल और शांतिकाल दोनों में ही सुरक्षित संचार संभव हो सकेगा।
→ इससे संयुक्त सैन्य अभियान के दौरान सुरक्षित संचार में सहायता मिलेगी।
कॉमकासा का महत्त्व
→ कॉमकासा भारत को रीयल टाइम खुफिया जानकारी के बड़े डेटा बेस तक पहुँच प्रदान करेगा।
→ यह दोनों पक्षों को एक ही संचार प्रणाली पर काम करने की अनुमति प्रदान करेगा, जो सेनाओं के बीच अंत: क्रियाशील वातावरण का निर्माण करेगा।
→ कॉमकासा चीन और पाकिस्तान द्वारा सैन्य तैनाती पर भारत को प्रभावी तरीके से रीयल टाइम खुफिया जानकारी साझा करेगा, जो डोकलाम जैसी परिस्थितियों को रोकने में सक्षम होगा।
→ कॉमकासा उन चार आधारभूत समझौतों में से एक है जो अमेरिका अपने घनिष्ठतम रणनीतिक सहयोगियों के साथ करता है। जनरल सिक्योरिटी ऑफ मिलिट्री इनफॉर्मेशन एग्रीमेंट (GSOMIA), लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरैंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA), एवं बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट फॉर जिओ स्पेशियल कोऑपरेशन तीन अन्य समझौते हैं।
→ भारत ने GSOMIA पर 2002 में एवं LEMOA पर 2016 में हस्ताक्षर किये थे। इनमें से LEMOA को अभी हाल ही में पूरी तरह से क्रियाशील किया गया है।
→ भारत में अभी तक BECA पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं। इस पर हस्ताक्षर करने के बाद भारत, अमेरिका के घनिष्ठतम रणनीति साझेदारों में से एक बन जाएगा।
कॉमकासा संबंधी चिंताएँ
→ इससे भारतीय सैन्य संचार प्रणाली में अमेरिकी घुसपैठ को बढ़ावा मिलने की आशंका जतायी जा रही है। साथ ही पाकिस्तान तक इन सूचनाओं की पहुँच से भी भारत आशंकित है।
→ कॉमकासा सेफगार्ड उपकरणों की जाँच के लिये अमेरिकी निरीक्षणकर्त्ताओं द्वारा भारतीय सैन्य बेस का मुआयना करना, भारत की संप्रभुता के खिलाफ है।
→ साथ ही इस बात की भी चिंता जतायी जा रही है कि बहुत से रूसी और स्वदेशी मूल के सैन्य प्लेटफार्म कॉमकासा से संबंद्ध नहीं हो सकते हैं।
→ ‘2 + 2 संवाद’, अमेरिका द्वारा विरोधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई (काट्सा), जो रूस से महत्त्वपूर्ण रक्षा उपकरणों की खरीद करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाता है, के समाधान के रूप में उचित साधन हो सकता है। यह वार्ता भारत के परमाणु आपूर्तिकर्त्ता समूह (NSG) में प्रवेश के लिये महत्त्वपूर्ण साबित हो सकता है। ‘2 + 2 संवाद’ आपसी आशंकाओं को दूर कर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीनी वर्चस्व को नियंत्रित कर सकता है।
निष्कर्ष:
‘2 + 2 संवाद’, भारत-अमेरिका संबंध को नई दिशा प्रदान करने में सक्षम है, विशेष रूप से रक्षा व सैन्य मामलों में। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य मुद्दों, जो देशों की राह में चुनौती प्रस्तुत कर रहे हैं, के लिये रचनात्मक चिंतन का अवसर प्रदान कर कूटनीतिक समाधान सुझाता है।